Durga Puja का महत्व – दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?

दुर्गा पूजा (Durga Puja) का महत्व: दुर्गा पूजा एक हिन्दू पर्व है जो साल खास दिन मनाया जाता है. Durga Puja में हिन्दू देवी दुर्गा माता की पूजा की जाती है. ऐसे तो हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ये पूजा बहुत खास होती है भारत के लोगों के लिए. दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत पर मनाया जाता है यह हिंदू पंचांग के आसार मनाया जाता है. दुर्गा पूजा में छः दिन होती है, महालय, षष्टी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी, विजयादशमी के इत्यादि दिनों को मनाया जाता है.

आइए जानते है कि Durga Puja (दुर्गा पूजा) क्या है, दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है, दुर्गा पूजा की महत्व, दुर्गा पूजा की विशेषता और दुर्गा पूजा को कैसे मनाते है. Mehar Tech Hindi की इस लेख में दुर्गा पूजा पर निबंध कैसे लिखे, मां दुर्गा पूजा करने से क्या लाभ होता है, दुर्गा पूजा का इतिहास के बारे में जानने को लगेगा. 

इसी लेख में Durga Puja Eassay, Durga Puja तारीख, Durga Puja 2023, दुर्गा पूजा मंत्र, दुर्गा पूजा फ़ोटो इत्यादि को जानने का मौका मिलेगा. आगे आपको दुर्गा पूजा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी बताई जाएगी. इतना ही दुर्गा पूजा कैसे मनाए और दुर्गा पूजा 2023 कब इसकी जानकारी भी दिया जाएगा. 

Durga Puja का महत्व – Durga Puja in Hindi

दुर्गा पूजा पूरे देश भर में धूम-धाम से मनाए जाने वाला एक पवित्र और पॉपुलर हिन्दू त्योहार है. इस पूजा को लोग 9 दिन तक मनाते है लेकिन पूजा छः तक किया जाता है. 

Durga Puja का महत्व - दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?
Durga Puja का महत्व – दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?

दुर्गा पूजा का दिन प्रतिमा की बनाई से लेकर प्रतिमा विसर्जन तक त्योहार मनाई जाती है. आपको बता दे कि दुर्गा पूजा को देश भर में कई नामों से जाना जाता है. कहीं नवरात्रि तो कही महोत्सव के नाम से भी इस पूजा को जाना जाता है. 

दुर्गा पूजा मनाने की तिथि पारंपरिक हिन्दू पंचांग से लिया जाता है. साथ ही दुर्गा पूजा को देवी पखवाड़ा या पखवाड़े की देवी इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. 

आप सभी को पता होगा कि भारत में रहने वाले लोग बहुत पारंपरिक और संस्कृति से जुड़ा हुआ लोग रहते है. यहाँ सालों भर अलग-अलग त्योहारों में पूजा की जाती है. भारत में दुर्गा पूजा के अलावा और भी बहुत सारे त्योहार है जिसे हमसब धूम-धाम से मनाते है.

दुर्गा पूजा शुरू होने से पहले से ही लोग Durga Puja की तैयारियां शुरू कर देते है. कहीं पंडाल तो कही मूर्ति बनाई जाने लगती है. घर सजावट का समान और साफ-सफाई का काम होने लगता है. 

जब दुर्गा पूजा नजदीक आने लगती है तो भी ज्यादा काम होने लगता है. मतलब की पूजा विशेष के लिए लोगों को मार्किट से खरीदारी करनी होती है. जिसके लिए मार्किट में भी बड़ी भीड़ देखने को मिलती है. 

दुर्गा सभी पारंपरिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पूजा में से एक है. हम सभी लोग दुर्गा माता की बड़े धूम-धाम से और रीतिरिवाज के साथ करते है. आपको बता दे कि दुर्गा पूजा में जहाँ पंडाल लगता है वहाँ सप्ताह भर काफी भीड़ लगती है श्रद्धालुओं की.

क्योंकि ये पूजा लगभग एक सप्ताह तक चलती रहती है बाद में प्रतिमा विसर्जन कर उन्हें समाप्त किया जाता है. आगे हम कुछ बात दुर्गा पूजा के असली महत्व की करते है.

Durga Puja के दिन दुर्गा देवी में महिषासुर नामक असुर का संहार किया हुआ था उसी के याद में Durga Puja मनाया जाता है. Durga Puja को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत पर मनाया जाता है. 

साथ जी दुर्गा पूजा स्त्री महाशक्ति को दर्शाती है. स्त्री शक्ति का पूजा करना स्त्री देवी दुर्गा माँ की पूजा होती है. अतः इस दिन को आप इस तरह भी समझ सकते है कि कभी की किसी स्त्री को कमजोर नही समझनी चाहिए. क्योंकि यदि स्त्री अपनी जिद पर आ जाये तो कुछ भी कर सकती है. जैसे कि मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था.

दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?

दुर्गा पूजा से जुड़ी कई प्रकार के कहानियां और कथाएं है ऐसा माना जाता है कि महिषासुर असुर भगवान ब्रम्हा से वरदान पाकर बहुत शक्तिशाली हो जाता है और फिर पृथ्वी और स्वर्ग लोग पर कब्जा करने को सोचता है. ब्रम्हा जी से उनको ये वरदान दिया था कि कोई भी देवता या दानव उनका अंत नही कर सकता है. 

जैसे कहते है न कि किसी को अपनी शक्ति का बहुत अहंकार हो जाता है. इसी प्रकार से महिषासुर वरदान प्रकार देवी, देवताओं को परेशान व पृथ्वीलोक पर भी आतंक फैलाने लगा था. 

Durga Puja 2023

इतना ही नही महिषासुर ने एक बार स्वर्ग पर भी आक्रमण कर इंद्र देव को हराकर स्वर्ग भी हासिल कर लिया था. इन सभी कारणों से देव लोक के सभी देवी, देवता परेशान होने लगा था. सभी देवी देवताओं ने मिलकर भी उस पर लड़ाई की थी फिर भी ज्यादा कुछ हासिल नही हुआ. 

फिर उनसे लड़ने के लिए Maa Durga का सृजन किया गया. माँ दुर्गा ने उस असुर से 9 दिन तक लड़ी और फिर दसवी दिन महिषासुर पर विजय प्राप्त की है. इस कारण साल में एक बार लोग दुर्गा पूजा महोत्सव मनाते है. इसी कारण से Durga Puja में दसवे दिन के तौर पर विजयादशमी मनाया जाता है.

दुर्गा पूजा कैसे मनाया जाता है?

आप सभी अब Durga Puja के बारे में और भी अधिक जानकारी मिलेगा. आपको बता दे कि दुर्गा पूजा के दिन लोग शुरू दिन से ही माँ दुर्गा की पूजा में व्यस्त होते है. आपको बता दे कि दुर्गा लगभग एक सप्ताह तक चलती रहती है.

हमलोगों को दुर्गा पूजा में बहुत ही ऐतिरिवाज और बेहतर ढंग से पूजा अर्चना और मूर्ति प्रतिमा को बैठाया जाता है. आपको बता दे कि पंडाल में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है इस कारण से हम सभी को पंडाल में जाकर लोगों का खास ध्यान रखना है.

Durga Puja किस राज्य का प्रसिद्ध त्योहार है?

वैसे तो दुर्गा पूजा लगभग सभी राज्यो में मनाया जाता है लेकिन बंगाल में सबसे ज्यादा मनाया है. आपको बता दे कि बंगाल में Durga Puja के दिन बंगाल में काफी उत्साह मनाया जाता है.

हालांकि दुर्गा पूजा झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट, उड़ीसा, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी दुर्गा पूजा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. 

जैसे किसी भी त्योहार को मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण रहता है. ठीक उसी प्रकार Durga Puja को मनाने का भी एक बहुत बड़ा कारण है. दुर्गा पूजा शक्ति पाने की इच्छा के साथ मनाया जाता है और साथ ही माँ दुर्गा से आर्शीवाद लेकर सभी दुर्गा पूजा को सप्ताह भर मनाया जाता है. बंगाल में रहने वाले हिंदुओ के लिए दुर्गा पूजा से बड़ा कोई भी त्योहार नही है. 

दुर्गा पूजा निबंध – Eassay in Durga Puja

दुर्गा पूजा के समय सप्ताह भर चलने वाला कुछ प्रोग्राम के बारे में में बात करे तो सबसे…पहले आता है.

कुमारी पूजा: Durga Puja में कुमार पूजन या कुमारी पूजा एक बहुत बड़ा पूजा माना जाता है. क्योंकि दुर्गा पूजा में 1 से 16 साल के लड़कियों का चयन किया जाता है और फिर पूजा की जाती है. 

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दुर्गापूजा में ये पूजा बहुत ही प्रसिद्ध और पॉपुलर माना जाता है. क्योंकि दुर्गा पूजा में बहुत सारा कार्यक्रम होता है उनमें से कुमारी पूजा भी एक है. 

संध्या आरती : दुर्गा पूजा में संध्या आरती का भी बहुत ज्यादा महत्व रहता है. 9 दिन तक चलने वाली Durga Puja में सभी दिन शाम में संध्या आरती का आयोजन बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. मतलब की सभी लोग मिलकर शाम को ढोल बाजे के साथ संध्या आरती की जाती है जिसे देखने में काफी ज्यादा लोकप्रिय लगता है.

Durga Puja का महत्व - दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है?

दुर्गा पूजा के अंत वाला दिन में आता है विजयादशमी जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. क्योंकि इस दिन दुर्गा पूजा की आखरी दिन होता है.

यदि किसी को अगर बेहतर पूजा देखना हो तो वो बंगाल के कोलकाता शहर जरूर जाए. क्योंकि बंगाल में इस पर्व को बहुत ज्यादा मान्यता दिया जाता है. 

दुर्गा पूजा के दिन यहाँ बहुत सारी भीड़ और बहुत ज्यादा बेहतर ढंग से माँ दुर्गा की पूजा की जाती है. इसलिए दुर्गा पूजा में खासकर कोलकाता में बहुत अच्छी पूजा मनाया जाता है. 

Durga Puja के बारे में

ऐस लेख में दुर्गा पूजा क्या है, दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है, दुर्गा पूजा की महत्व, दुर्गा पूजा की विशेषता और दुर्गा पूजा को कैसे मनाते है. साथ ही दुर्गा पूजा पर निबंध कैसे लिखे, मां दुर्गा पूजा करने से क्या लाभ होता है, दुर्गा पूजा का इतिहास के बारे में जानने को लगेगा, Durga Puja Eassay, Durga Puja तारीख, Durga Puja 2023, दुर्गा पूजा मंत्र, दुर्गा पूजा फ़ोटो इत्यादि इस आर्टिकल में है.

FAQ for Durga Puja
  1. दुर्गा पूजा का महत्व?

    दुर्गा पूजा हिंदुओ का एक खास त्योहार है, जिसमें माँ दुर्गा की पूजा की जाती है. दुर्गा पूजा को बुराई पर अच्छाई की जीत पर मनाया जाता है.

  2. दुर्गा पूजा क्या है निबंध?

    दुर्गापूजा 10 दिन तक चलने वाला हिंदुओ का एक त्योहार है जो हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के खास दिनांक को मनाया जाता है. दुर्गा पूजा को लगभग 10 दिन तक मनाया जाता है, परंतु 7 दिन तक पूजा की जाती है बाकी दिन सभी लोग धूम-धाम से विसर्जन करते है. 

  3. दुर्गा पूजा करने से क्या लाभ होता है?

    सभी प्रकार के पूजा करने से कई प्रकार के लाभ होते है माँ दुर्गा शक्ति का प्रतीक माना जाता है. माँ दुर्गा की पूजा करने से जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष को सहज पा लेता है.

  4. माँ दुर्गा की कहानी क्या है?

    दुर्गा पूजा में किये जाने वाली देवी को दुर्गा माता कहा जाता है. माँ दुर्गा महिषासुर नामक असुर से मकाबले कर उसे पराजित कर देवलोक को बचाया था इस कारण से दुर्गा पूजा को हम लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाया जाता है.

  5. दुर्गा का मंत्र क्या है?

    ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी. दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते.. नमस्तुतै नमस्तुतै नमस्तुतै नमस्तुतै नमो नमः.. नमस्तुतै नमस्तुतै नमस्तुतै..

  6. दुर्गा मां की पूजा रोज कैसे करे?

    प्रत्येक दिन की पूजा की समय सेट करें और प्रत्येक दिन समय पर देवी मां की पूजा करें. नहा कर, साफ कपड़े पहनकर, साफ कपड़े पर बैठकर ही पूजा करें. 

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