Amir Khusro Ki Paheliyan: पुराने जमाने में पहेलियों के सबसे ज्यादा बुद्धिमान अमीर खुसरो को ही कहा जाता है, क्योंकि इन्होंने पुराने जमाने में लगभग 100+ रचनाएं की थी। आपको पता नहीं कि अमीर खुसरो जिसके पिताजी का नाम तुर्क सैफुद्दीन था।
अमीर खुसरो का जन्म तेरे से 24 ईसवी में हुआ था तथा इसका ओरिजिनल नाम अब्दुल हसन था। अमीर खुसरो भारत की सबसे पहली मुस्लिम कवि थे 27 को यह उपाधि बहुत पहले ही मिल चुकी थी।
इनके गुरु और भारत के बड़े विद्यमान कहा जाए जो दिन द्वारा इनकी देखरेख हुआ था और उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही खुश रूस सुखाने नामक से एक रचनाएं की थी जो काफी ज्यादा पॉपुलर हो गई थी उस समय। यही बातों को देखते हुए इन्हें लोग तुर्क-ए-अल्लाह या तोता-ए हिंद-कहने लगे थे।
आइए हम लोग इतने बड़े काफी के बारे में तो जान चुके हैं लेकिन Amir Khusro Ki Paheliyan, Amir khusro ki paheliyan
Amir khusro ki paheliyan aur mukerian, Amir khusro ki paheliyan in urdu, Amir khusro ki paheliyan bataiye के बारे में अभी जानना जरूरी है इन के Khusro की पहेलियों को पड़ेगी आपको यह अंदाजा भी नहीं हो सकता है क्या कितने बड़ा बुद्धिमान था।
अमीर खुसरो की पहेलियाँ को पौराणिक जमाने से ही याद किया जाता है, क्योंकि इनकी रचनाएं काफी ज्यादा पसंद किया जाता था और आजकल भी बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। अमीर खुसरो की मुकरियां अर्थ सहित तथा अमीर खुसरो की पहेलियाँ को काफी ज्यादा पर सिर्फ माना जाता है।
Amir Khusro Ki Paheliyan के साथ-साथ इन्होंने और भी बहुत चीजों की रचनाएं की थी जैसे की अमीर खुसरो की दोहे अर्थ सहित बताएं, अमीर खुसरो की मुकरियां, अमीर खुसरो की रचनाएं तथा अमीर खुसरो के दोहे की व्याख्या इत्यादि चीजें अमीर खुसरो के नाम से प्रचलित माना जाता है।
Amir Khusro Ki Paheliyan – अमीर खुसरो पहेलियाँ, मुकरियाँ
1. चाम मांस वाके नहीं नेक,
हाड़ मास में वाके छेद,
मोहि अचंभो आवत ऐसे,
वामे जीव बसत है कैसे, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – पिंजड़ा
2. एक गुनी ने यह गुन कीना,
हरियल पिंजरे में दे दीना
देखा जादूगर का हाल,
डाले हरा निकाले लाल, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – पान
3. गोल मटोल और छोटा-मोटा,
हर दम वह तो जमीं पर लोटा,
खुसरो कहे नहीं है झूठा,
जो न बूझे अकिल का खोटा, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – लोटा
4. श्याम बरन और दाँत अनेक,
लचकत जैसे नारी,
दोनों हाथ से खुसरो खींचे
और कहे तू आ री, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – आरी
5. स्याम बरन की है एक नारी,
माथे ऊपर लागै प्यारी,
जो मानुस इस अरथ को खोले,
कुत्ते की वह बोली बोले, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – भौं (भौंए आँख के ऊपर होती हैं।)
अमीर खुसरो की पहेलियाँ और मुकरियां
6. हाड़ की देही उज् रंग,
लिपटा रहे नारी के संग,
चोरी की ना खून किया
वाका सर क्यों काट लिया, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – नाखून
7. एक जानवर रंग रंगीला,
बिना मारे वह रोवे,
उस के सिर पर तीन तिलाके,
बिन बताए सोवे, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – मोर
8. एक थाल मोतियों से भरा,
सबके सर पर औंधा धरा,
चारों ओर वह थाली फिरे,
मोती उससे एक न गिरे, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – आसमान
9. सावन भादों बहुत चलत है
माघ पूस में थोरी,
अमीर खुसरो यूँ कहें
तू बुझ पहेली मोरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – मोरी
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10. तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया
बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया
आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी
अमीर ख़ुसरो यूँ कहें अपना नाम नबोली
Amir Khusro Ki Paheliyan
11. लोहे के चने, दांत तले पाते है उसको,
खाया वह नहीं जाता, पर खाते है उसको, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – रूपया
12. नारी से तू नर भई
और श्याम बरन भई सोय,
गली-गली कूकत फिरे
कोइलो-कोइलो लोय, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – कोयल
13. इधर को आवे उधर को जावे, हर हर फेर काट वह खावे
ठहर रहे जिस दम वह नारी। खुसरो कहें वारे को आरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – आरी
14. एक नार तरवर से उतरी,
सर पर वाके पांव
ऐसी नार कुनार को,
मैं ना देखन जाँव, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – मैंना
15. बाला था जब सबको भाया,
बड़ा हुआ कुछ काम न आया,
खुसरो कह दिया उसका नाव,
अर्थ करो नहीं छोड़ो गाँव, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – दिया
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16. एक नार वह दांत दंतीली, पतली दुबली छैल छबीली
जब वा तिरियहिं लागै भूख। सूखे हरे चबावे रुख,
जो बताय वाही बलिहारी। खुसरो कहें वारे को आरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- आरी
17. एक कन्या ने बालक जाय, वा बालक ने जगत सताया,
मारा मरे न काटा जाय, वा बालक को नारी खाए, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – जाड़ा
18. टूटी टाट के धूप में पड़ी, जों जों सुखी हुई बड़ी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – बड़ी
19. श्याम बरन और दांत अनेक, लचकत जैसी नारी
दोनों हाथ से खुसरो खींचे। और कहें तू आरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- आरी
20. पौन चलत वह दें बढ़ावे, जल पीवत वह जीव गँवावे
है वह प्यारी सुंदर नार। नार नहीं पर है वह नार, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- नार (आग)
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21. नर से पैदा होवे नार, हर कोई उससे रखे प्यार,
एक ज़माना उसको खावे, खुसरो पेट में वह न जावे, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – धूप
22. घूम घुमेला लहँगा पहिने, एक पाँव से रहे खड़ी
आठ हात हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे परी
सब कोई उसकी चाह करे है, मुसलमान हिन्दू स्त्री,
खुसरो ने यह कही पहेली, दिल में अपने सोच जरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर– छतरी
23. सावन भादों बहुत चलत है, माघ पूस में थोड़ी,
अमीर खुसरो यूँ कहें, तू बूझ पहेली मोरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- मोरी (नाली)
24. फ़ारसी बोली आई ना, तुर्की ढूँढी पाई ना
हिन्दी बोली आरसी आए। खुसरो कहें कोई न बताए, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- आरसी (दर्पण, आइना)
25. चार महीने बहुत चले हैं और महीने थोड़ी,
अमीर खुसरो यों कहें तू बूझ पहेली मोरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- मोरी (नाली)
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26. अन्दर है और बाहर बहे, जो देखे सो मोरी कहें, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- मोरी (नाली)
27. गोल मटोल और छोटा-मोटा, हर दम वह तो जमीं पर लोटा,
खुसरो कहें नहीं है झूठा, जो न बूझे अकिल का खोटा, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – लोटा
28. एक नार करतार बनाई।, न वह क्वारी न वह ब्याही
सूहा रंगहि वाको रहै। भाबी-भाबी हर कोई कहै
उत्तर- बिरबहुटी
29. सरकंडो के ठटट बंधे, और बद लगे हैं भारी
देखी है पर चाखी नाहीं, लोग कहें हैं खारी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – टोकरी
30. पान फूल वाके सर माँ है, लड़ें-कटें जब मद पर आहैं,
चिट्टे काले वाके बाल, बुझ पहेली मेरे लाल,
अमीर खुसरो की मुकरियाँ
31. बला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कुछ काम न आया
खुसरो कह दिया उसका नाव, अर्थ करो नहीं छोड़ो गाँव, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर– दीया (दीपक)
32. नारी से तू नर भई और श्याम बरन भई सोय,
गली-गली कूकत फिरे कोइलो-कोइलो लोय, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – कोयल
33. इधर को आवे उधर को जावे, हर हर फेर काट वह खावे,
ठहर रहे जिस दम वह नारी। खुसरो कहें वारे को आरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – आरी
34. श्याम बरन और दांत अनेक, लचकत जैसी नारी,
दोनों हाथ से खुसरो खींचे। और कहें तू आरी,
उत्तर – आरी
35. खडा भी लोटा पडा पडा भी लोटा,
है बैठा और कहे हैं लोटा, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
खुसरो कहे समझ का टोटा
उत्तर- लोटा
अमीर खुसरो की पहेलियाँ और मुकरियाँ pdf
36. एक नार जब बात कर आवे, मालिक अपने ऊपर बुलावे,
है वह नारी सब के गौ की, खुसरो नाम लिए तो चौंकी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – चौकी
37. टूटी टाट के धूप में पड़ी, जों जों सुखी हुई बड़ी
उत्तर – बड़ी
38. फ़ारसी बोली आई ना, तुर्की ढूँढी पाई ना,
हिन्दी बोली आरसी आए। खुसरो कहें कोई न बताए, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- आरसी (दर्पण, आइना)
39. एक नार करतार बनाई, न वह क्वारी न वह ब्याही,
सूहा रंगहि वाको रहै। भाबी-भाबी हर कोई कहै, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – बिरबहुटी
40. एक पेड़ रेती में होवे, बिन पानी ही हरा रहे,
पानी दिये से वह जल जाय। आँख लगे अँधा हो जाए, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर – आक
Amir Khusro Ki Paheliyan के बारे में
आज की तारीख में हम लोग अमीर खुसरो की पहेलियाँ और मोकरिया के बारे में जानने और उसे पढ़ने के लिए दिया गया है। उम्मीद है कि Amir Khusro Ki Paheliyan आप सभी लोगों को आप ही ज्यादा पसंद आया होगा।
क्योंकि अमीर खुसरो एक बहुत ही लाजवाब कवि थे इन्होंने अपने दोहे पहेलियाँ मुकरियां और रचनाएं से पूरे भारतवर्ष का नाम गौरव किया था। यह पुराने जमाने में किसी संतला तुम्हें आते थे और यह एक मुस्लिम कवि भी है।
अमीर खुसरो के बारे में और भी अधिक जानकारी चाहिए तो आप नीचे लिंक पर क्लिक करके उसके बारे में अधिक जानकारी ले सकती हैं। लेकिन यदि आपको अमीर खुसरो की पहेलियाँ पढ़ने का शौक है तो यहां आपको पूरी पहेलियाँ अमीर खुसरो के बारे में ही दिया गया है।
उम्मीद है कि आप सभी लोगों को अमीर खुसरो के द्वारा लिखा गया काव्य तथा रचनाएं बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। और आगे भी आप लोग अमीर खुसरो के इस पहेलियों को शेयर करते रहेंगे। अमीर खुसरो की पहेलियाँ को शेयर करने के लिए नीचे शेयर का बटन पर क्लिक करके अपनी अपनी सोशल मीडिया हैंडल तथा अपने अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
यहां को अमीर खुसरो की पहेलियाँ, Amir Khusro Ki Paheliyan राधा इससे संबंधित और भी बहुत सारे प्रश्नों के बारे में और उस से रिलेटेड पहेलियों का बताया गया है जैसे कि अमीर खुसरो की पहेलियाँ और मुकरियाँ pdf, Bujh paheli, अमीर खुसरो की मुकरियाँ अर्थ सहित, गाँव की पहेलियाँ, रामायण की पहेलियाँ? आदि कटे तो सबको पाले, मध्य कटे तो सबको मारे, अंत कटे से सबको मीठा, खुसरो वाको आँखो दीठा इत्यादि पहेलियों को बताया गया है।
FAQ for Amir Khusro Ki Paheliyan
पौन चलत वह दें बढ़ावे। जल पीवत वह जीव गँवावे, है वह प्यारी सुंदर नार। नार नहीं पर है वह नार, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- नार (आग)
एक नार वह दांत दंतीली। पतली दुबली छैल छबीली,जब वा तिरियहिं लागै भूख। सूखे हरे चबावे रुख,जो बताय वाही बलिहारी खुसरो कहें वारे को आरी, अमीर खुसरो की पहलियाँ?
उत्तर- आरी